खुबसूरत कहानी | Best Hindi Story
खुबसूरत कहानी / Best Hindi Story
एक 15 साल का लड़का अपने पिता के साथ ट्रेन में सफ़र कर रहा था. लड़का खिड़की के पास बैठा हुआ था और खिड़की के बाहर देखकर जोर-जोर से अपने पापा से कह रहा था की……
“पापा, वो देखिये पेड़ तेज़ी से पीछे जा रहे है!”
ये सुनकर उसके पिताजी मुस्कुराने लगे और पास में बैठा एक युगल (पति-पत्नी) उस 15 साल के लड़के द्वारा किये जा रहे बच्चे जैसे व्यवहार को गुस्से से देख ही रहे थे, की तभी अचानक वह लड़का फिर से चिल्लाया…
“पिताजी, देखिये बादल भी हमारे साथ ही जा रहे है!”
इस बार उस युगल से रहा नही गया उसने इसका विरोध करते हुए उस बुजुर्ग व्यक्ति (लड़के के पिता) से कहा की….
“तुम अपने बेटे को किसी अच्छे डॉक्टर को क्यू नहीं दिखाते?”
तभी वह बुरुर्ग व्यक्ति (लड़के का पिता) मुस्कुराया और उसने कहा की….
“मैंने ऐसा ही किया, बल्कि अभी हम अस्पताल से ही आ रहे है, मेरा बेटा बचपन से ही अँधा था, और उसे आज ही उसकी आखे मिली, आज पहली बार मेरा बेटा इस दुनिया को देख पा रहा है.”
सीख—-
धरती पर रहने वाले हर एक इंसान की अपनी ही एक कहानी होती है. इसीलिए किसी को भी पूरी सच्चाई जाने बिना दोषी नहीं ठहराना चाहिये. क्यू की किसी भी बात की सच्चाई आपको आश्चर्यचकित कर सकती है…..कई बार हम सच्चाई जाने बिना ही किसी पर भी बड़ा आरोप लगाते है और फिर बाद में हमें हमारी गलतियों का अहसास होता है. इसीलिए बाद में पछताने की बजाये हमें पहले ही किसी भी बात के जड़ में जाकर पूरी सच्चाई जानने की कोशिश करनी चाहिये… क्यू की कई बार हमारे व्यवहार से हम जाने अनजाने में लोगो को चोट पहोचा जाते है.
Sourced by-By Gyani Pandit - January 27, 2016
एक 15 साल का लड़का अपने पिता के साथ ट्रेन में सफ़र कर रहा था. लड़का खिड़की के पास बैठा हुआ था और खिड़की के बाहर देखकर जोर-जोर से अपने पापा से कह रहा था की……
“पापा, वो देखिये पेड़ तेज़ी से पीछे जा रहे है!”
ये सुनकर उसके पिताजी मुस्कुराने लगे और पास में बैठा एक युगल (पति-पत्नी) उस 15 साल के लड़के द्वारा किये जा रहे बच्चे जैसे व्यवहार को गुस्से से देख ही रहे थे, की तभी अचानक वह लड़का फिर से चिल्लाया…
“पिताजी, देखिये बादल भी हमारे साथ ही जा रहे है!”
इस बार उस युगल से रहा नही गया उसने इसका विरोध करते हुए उस बुजुर्ग व्यक्ति (लड़के के पिता) से कहा की….
“तुम अपने बेटे को किसी अच्छे डॉक्टर को क्यू नहीं दिखाते?”
तभी वह बुरुर्ग व्यक्ति (लड़के का पिता) मुस्कुराया और उसने कहा की….
“मैंने ऐसा ही किया, बल्कि अभी हम अस्पताल से ही आ रहे है, मेरा बेटा बचपन से ही अँधा था, और उसे आज ही उसकी आखे मिली, आज पहली बार मेरा बेटा इस दुनिया को देख पा रहा है.”
सीख—-
धरती पर रहने वाले हर एक इंसान की अपनी ही एक कहानी होती है. इसीलिए किसी को भी पूरी सच्चाई जाने बिना दोषी नहीं ठहराना चाहिये. क्यू की किसी भी बात की सच्चाई आपको आश्चर्यचकित कर सकती है…..कई बार हम सच्चाई जाने बिना ही किसी पर भी बड़ा आरोप लगाते है और फिर बाद में हमें हमारी गलतियों का अहसास होता है. इसीलिए बाद में पछताने की बजाये हमें पहले ही किसी भी बात के जड़ में जाकर पूरी सच्चाई जानने की कोशिश करनी चाहिये… क्यू की कई बार हमारे व्यवहार से हम जाने अनजाने में लोगो को चोट पहोचा जाते है.
Sourced by-By Gyani Pandit - January 27, 2016
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