Hindi story ( true love)


जिंदगी में जो पहला प्यार होता है वही जिंदगी का सबसे प्यारा लम्हा होता उसके बाद दूसरा तीसरा प्यार तो सिर्फ समझौता होता है, तन्हाइयों को दूर करने का ।
कुछ ऐसा ही हुआ था विराट के साथ,उसने गांव के ही एक लड़की पूजा को दिल दे बैठा था । ये जानते हुए भी की उनको गांव वाले कभी एक नहीं होने देंगे। लेकिन प्यार तो प्यार होता है, ये तो सिर्फ हो जाता है किया नहीं जाता। पूजा भी उसे बहुत प्यार करती थी। जब पूजा को कोई काम पड़ता शहर में, तो विराट भी किसी ना किसी बहाने शहर पहुंच जाता, फिर दोनो कभी सिनेमाघर चले जाते तो कभी किसी रेस्तरां में चले जाते। बहुत खूबसूरत जिंदगी कट रही थी । अचानक एक दिन पूजा ने विराट को फोन किया कि कल हमे शहर जाना है तुम भी चलना। दोनो अगले दिन शहर पहुंच चुके थे , पूजा ने कहा कि किसी ऐसे जगह चला जाये जँहा कोई ना हो और बैठ कर बातें हों।
शहर के बाहर एक शंकर जी का मंदिर था। तय हुआ वंही चला जाये, दोनो पहुंच गए। वँहा पहुंच कर पूजा ने विराट के हाथ को अपने हाथों में लिया और....
"विराट अब हम ऐसे मिल नहीं पाएंगे,
"ऐसा न कहो पूजा,
"अब ऐसा ही होगा मेरी शादी तय हो चुकी है,
"ऐसा नहीं हो सकता पूजा,
"ऐसा ही है विराट और यही सच है,
"पूजा नहीं जी पाऊंगा तुम्हारे बगैर,
"जी तो मैं भी नहीं पाउंगी तुम्हारे बगैर विराट लेकिन,
"लेकिन क्या पूजा,
"लेकिन हमारे पास कोई और चारा भी नहीं है,
इसके आगे तो दोनो कुछ नहीं बोल पाए थे,फिर पूजा ने कहा विराट मैं चलती हूँ,
पूजा याद तो करोगी ना मुझे विराट ने कहा, तुम्हे भूलना इतना आसान नहीं है विराट। और फिर दोनो अपने अपने राह को पकड़ लिया था।
आज 15 सालों बाद फेसबुक पर मीले हैं दोनो, अब दोनों के पास एक दूसरे का नम्बर भी है, कभी कभी बात भी हो जाती है। आज उनकी मुलाकात होनी है । कल रात ही पूजा ने फोन कर बताया था कि मैं आज दिल्ली आने वाली हूँ। विराट को विश्वास नहीं हो रहा था, इतने दिनों बाद पूजा आ रही है उसके शहर आ रही वो भी उससे मिलने, यही सोच रहा था। तभी विराट की एकाग्रता टूटी जब उसके नौकर ने उसे चाय देने के लिए हिलाया.........
"कँहा खो गये साहब,
"अरे कुछ नहीं,
"तबियत तो ठीक है ना साहब जी,
"हाँ हाँ ठीक है अब तुम जाओ,
फिर जल्द ही विराट चाय पीकर उठा जल्द ही नहा धोकर तैयार हुआ और बताये हुए रेस्तरां पर पहुंचा और एक टेबल बुक करके बैठ गया पूजा के इंतजार में, तभी पूजा भी वंहा पहुंची। दोनो कुछ पल तो खामोश रहे......
"कैसी हो पूजा,
"ठीक हूँ विराट, तुम कहो,
"मैं भी ठीक हूँ पूजा,
"आज पूरे 15 साल 6 महीने 17 दिन के बाद मीले हैं हम दोनों,
"नहीं पूजा 15 साल 6 महीने 17 दिन 8 घंटे 47 सेकंड बाद,
"तुम विराट बिल्कुल भी नही बदले,
"विराट तो सिर्फ तुम्हारे लिए बदलना चाहता था,पूजा इसलिए जँहा तुम से बिछड़ा था वंही से बदलाव भी ठहर सा गया था। खैर अपना कहो क्या हाल है पतिदेव के और बच्चे वो तो काफी बड़े हो गए होंगे।
"पूजा के आंखों में आंसू भर आये और कहा विराट शादी के दो साल बाद ही मेरा तलाक हो गया था ,मेरे बच्चे नहीं हो रहे थे तो पति ने तलाक दे दिया।
"क्या पूजा और बाकी के 13 साल,
"वंही एक छोटी सी नौकरी कर ली थी दिन गुजर रहे थे,
"क्या पूजा तुम्हे उस वक़्त मेरी थोड़ी भी याद नहीं आयी,
"आयी तो बहुत थी, लेकिन वक़्त ने ऐसा खेल खेला था मेरे साथ कि ना कभी मायके जाना चाहती थी और ना ही किसी और के पास और तुम्हारा तो कुछ पता भी नहीं था विराट ।
"मायके फोन किया तो पता चला कि मेरी शादी के बाद से ही तुम गांव छोड़ चुके हो और किसी को पता नहीं कँहा हो।खैर छोड़ो ये बताओ मुझे अपने घर नहीं ले चलोगे परिवार बच्चों से मिलाने।
"परिवार...हाँ हाँ क्यों नहीं चलो,
विराट और पूजा दोनो बाइक पर बैठे और निकल पड़े विराट के घर, विराट उसे अंदर ले कर गया,क्या पियोगी पूजा कॉफी या चाय।
मुझे कुछ नही पीना फिलहाल तुम्हारा परिवार नजर नही आ रहा। मिलाता हूँ पूजा पहले अपनी आंखें बंद करो । पूजा ने आंखें बंद कर ली और विराट उसे धीरे धीरे अपने कमरे में ले गया और आईना के सामने खड़ा कर दिया और कहा लो ये मिलो मेरी पत्नी से, पूजा ने जैसे ही आंख खोला तो अपने आप को आइना में देखते हुए बोली
"तो क्या विराट तुमने शादी नहीं कि
"ना पूजा मैने तो मन मे ही तुमसे शादी कर ली थी इसलिए तो मैंने घर छोड़ दिया था कि कंही मेरे घर वाले मेरी जबरजस्ती शादी कर तुम्हारी सौतन ना खड़ी कर दें।
"विराट इतना प्यार करते हो मुझसे अब भी,
"पूजा मैने सिर्फ अब तक के लिए नहीं जन्म जन्मांतर के लिए तुम्हे चुना था, तुम्हे मुझसे कोई नहीं छीन सकता|
"सच विराट तुम्हारे प्यार ने ही मुझे आज 15 साल बाद मिलाया है।
"पूजा क्या अब हम फिर एक साथ अपने टूटे हुए सपनो को जोड़ने के लिए एक हो सकते हैं।
"बिल्कुल विराट ये दिल हमेशा से तुम्हारा था,तुम्हारा है और रहेगा भी।
दोनों ख़ुशी से गले मिलन लगे और तभी पीछे से आवाज चल पड़ी....लग जा गले की फिर य हंसी रात हो ना हो. ...

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