Hindi story ( aaj ki MAA)




अाज अपने हाथ में इस्तीफा लेकर मंजू मैनेजर के आॅफिस तक जाने की हिम्मत जुटा रही है, अच्छी ख़ासी नौकरी छोड़ना आसान काम थोड़े है | कुछ देर में दिल कड़ा करके मैनेजर के टेबल पर पहुंची, गुप्ता जी ने बोला " ये क्या मंजू , कोई फैसला करने से पहले सोंच लो, चाहो तो कुछ दिन की छुट्टी ले लो" | "नहीं सर सब सोंच लिया" मंजू ने कहा और तेज़ कदमों से आॅफिस के बाहर निकल गई और वापस आकर सोफे पे लेट गई आंख बंद करके जैसे अब सुकून आया हो ज़िन्दगी में.......
मंजू हमेशा से एक महत्वाकांक्षी लड़की थी | भगवान की दया से पति व घर भी ऐसा मिला की उसने मंजू को कभी नहीं रोका | 2 साल बहुत अच्छे से गए, अचानक एक दिन मंजू को पता चला की वो मां बनने वाली है | उसे ये बच्चा नहीं चाहिए था, पति को बताया तो उसने बोला जो हुआ सो हुआ, एक बार तुम्हें थोड़ी तकलीफ होगी, फिर तो आजकल बच्चे अपने आप पल जाते हैं|वो भी आधे मन से मान गई, उसने एक प्यारी सी बेटी को जन्म दिया.. खुश थी वो भी अपनी परछाईं अपने हाथों में देखकर... उसकी 2 महीने की मेटरनिटी लीव पलक झपकते निकल गई | अब सबसे बडा़ सवाल था बच्ची का कौन ध्यान रखेगा....? उन्होंने एक आया 24 हॉर्स के लिए रख ली जो मीठी का ध्यान रखती.. .. शुरू शुरू में तो मंजू ध्यान भी देती थी पर धीरे धीरे ओहदे के साथ उसकी व्यस्तता भी बढ़ गई |
और मीठी पूरी तरह से आया के भरोसे पलने लगी, कभी कभी उसे घुमाने ले जाती, महंगे खिलोने कपड़े सब दिलाती| 10 साल कब पंख लगा के उड़ गए पता ही नहीं चला| इस बीच कितनी ही आया आयी ं और गई ं| मंजू अब स्टेट मैनेजर हो गई थी, पर अब आए दिन मीठी के स्कूल से शिकायतें आने लगी, रिपोर्ट कार्ड लगातार खराब हो रहा था | मंजू ने डांट के, समझा के सब कर के देख लिया, कितने ट्यूशन बदले, लेकिन सब वहीं का वहीं |
दिन भर परेशान रहने लगी, आॅफिस में भी मन मीठी में ही लगा रहता, मंजू ने तो बहुत सपने देखे थे मंजू ने उसकी काउन्सलिंग कराई| डॉक्टर ने बोला उसे छुट्टी पर ले जाइये थोड़ा टाईम दीजिये, मंजू और उसके पति ने छुट्टी ली और शिमला निकल गए , खूब टाईम बिताया | मीठी भी खुश लग रही थी | अाज मौका देखकर मंजू ने मीठी को समझाने का फैसला किया.
रात को मंजू ने मीठी का सर सहलाते हुए बात शुरू की " मेरा बच्चा क्या बनेगा बड़े होकर...?? अपनी मम्मी की तरह अफ़सर या पापा की तरह एडवोकेट.. ??? या मिस वर्ल्ड बनेगी मेरी एंजेल....? मीठी बात बीच में ही काट कर बोली " नहीं, मैं अपने बच्चों का ध्यान रखूंगी, बहुत प्रॉब्लम होती है बच्चों को, आया बाई हमेशा मनमानी करती है, हमारा होमवर्क पूरा नहीं होता, आप पेरेंट्स मीटिंग में भी नहीं जाते, मेरी फ्रेंड शुभी की मम्मी उसका ध्यान रखती हैं , वो हमेशा फर्स्ट आती है, टीचर की फेवरेट है वो" अपनी बात कहकर मीठी तो सो गई पर मंजू के अन्दर की माँ जाग चुकी थी शायद कभी ना सोने के लिए ...! सोती मीठी के सर पर हाथ फेर कर बस यही कह पाई " सॉरी बेटा, मुझे भी अपने बच्चे का ध्यान रखना है"|
Sourced buy sheli 

Comments

Popular posts from this blog

“The Bogey Beast” by Flora Annie Steel

Hindi story ( audhari prem khani)